PDS क्या है? और उसकी कार्य प्रणाली क्या है?

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PDS ( public distribution System) क्या है? 

PDS को ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली या जन वितरण प्रणाली कहा जाता है। 
जन वितरण प्रणाली(PDS) सरकार का लोक कल्याणकारी कार्यक्रम है जहां राशन की दुकान के माध्यम से राशन कार्ड धारकों को आवश्यक वस्तुएं अत्यंत न्यून की कीमत या मुक्ति पर उपलब्ध कराया जाता है। 
PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) गरीबों के लिए सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करती है। क्योंकि यह बाजार में खाद्य वस्तुओं के बढ़ती कीमत से गरीबों को सुरक्षा देता है। 
PDS क्या है? और उसकी कार्य प्रणाली क्या है? 

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PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली या जन वितरण प्रणाली) का उद्देश्य क्या है? 

  1. गरीबों को खाद्य सुरक्षा देना
  2. किसानों से अनाजों का अधिग्रहण कर इसका भंडारण करना 
  3. सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करना 
  4. बाजार में खाद्य वस्तुओं के बढ़ती कीमतों को अप्रत्यक्ष रूप में नियंत्रित करना 
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली संविधान के समवर्ती सूची का विषय है इस कारण केंद्र और राज्य दोनों मिलकर इस प्रणाली का संचालन करता है। 
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली को  ही उचित मूल की दुकान भी कहा जाता है। 
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के खाद एवं सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा संचालित किए जाते हैं। 

PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली या जन वितरण प्रणाली)  की कार्य प्रणाली क्या है? 

भारत में PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की शुरुआत 14 जनवरी 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शुरू की गई जबकि 1965 में FCI की स्थापना के पश्चात इससे भारत में पुन शुरू किया गया , PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) समवर्ती सूची का विषय होने के कारण केंद्र और राज दोनों के माध्यम से संचालित होता है यहां केंद्र सरकार FCI के माध्यम से वसूली कीमत में किसानों से अनाज का अधिग्रहण करती है और इसका भंडारण किया जाता है जबकि राज सरकार केंद्र बिंदु से CIP मूल्य पर अधिग्रहण करके उसे राशन की दुकान तक पहुंचती है जहां राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी मूल्य में अनाज वितरण की जाती है इसे सब्सिडी भी कहा जाता है । खाद सब्सिडी का वहां केंद्र सरकार करती है। 
                        

PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप 

FCI द्वारा वसूली कीमत परिवहन और भंडारण लागत तथा राज सरकार द्वारा किया गया परिवहन लागत को वहां करती है जबकि राज सरकार लाभार्थी को पहचान राशन कार्ड का वितरण राशन कार्ड की दुकान में परिविक्षक की भूमिका और केंद्र बिंदु से राशन की दुकान तक खाद्यान्न पहचाने और उसे राशन कार्ड धारकों को वितरित करने का कार्य करती है! 

PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) की चुनौती 

सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कमजोरी को उजागर करने के लिए न्यायमूर्ति वाधवा समिति का गठन किया गया उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली में निम्न चुनौतियों का उजागर किया 
  • फर्जी राशन कार्ड की समस्या
  • नई राशन कार्ड बनवाने हेतु समस्या
  • इस प्रणाली में वितरित होने वाले अनाज गुणवत्ता का अभाव देखा जा सकता है
  • यहां बस भ्रष्टाचार संस्थागत रूप ले लिया अर्थात कोटेदार,ट्रांसपोर्ट और व्यापारी तीनों मिलकर भ्रष्टाचार करते हैं
  • यहां रिसाव अधिक है NSSO सर्वे रिपोर्ट के अनुसार राशन की दुकान से वितरित होने वाले केरोसिन तेल की लगभग 35% कालाबाजारी हो जाता है
  • CAG के PDS निष्पादन रिपोर्ट के अनुसार उचित भंडार गिरी हो के अभाव में अधिकांश अनाज बर्बाद हो जाती है
PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) में सुधार के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम 
  • सरकार द्वारा राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है जिससे फर्जी राशन कार्ड की समस्या दूर हो
  • सरकार द्वारा राशन की दुकान में E-pose  मशीन स्थापित की जा रही है जिससे लाभार्थी की सही पहचान हो सके वर्तमान में लगभग 88% दुकानों में E-pose मशीन स्थापित हो चुके हैं 
  • सरकार ने अनिवार्य किया है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में प्रयोग होने वाले परिवहन में अनिवार्य रूप से जीपीएस का प्रयोग हो
  • वर्ष 2017 में एफसीआई द्वारा ऑनलाइन डिपो योजना की शुरुआत की गई यहां देश में स्थित सभी राशन की दुकान को ऑनलाइन एफसीआई से जोड़ा जा रहा है
  • सरकार द्वारा वर्ष 2021 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए Mera Ration App की शुरुआत की गई
  • सरकार द्वारा वर्ष 2022 में पूरे देश भर में एक राष्ट्र एक राशन कार्ड कार्यक्रम को लागू कर दिया गया है असम एक राष्ट्र एक राशन कार्ड कार्यक्रम से जुड़ने वाला अंतिम राज्य है 
  • सरकार द्वारा वर्ष 2018 में PDS-IM आईएम की शुरुआत की गई जिसकी अवधि वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक इस कार्यक्रम के तीन प्रमुख उद्देश्य थे 
  1. राशन कार्ड का डिजिटलीकरण
  2. राशन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ना
  3. राशन की दुकान को कंप्यूटीकृत कर देना
  • सरकार जल्द ही PDS में DBT प्रणाली को लागू कर देगा जिससे सफलतापूर्वक पायलट परियोजना के रूप में केंद्र शासित प्रदेश जैसे चंडीगढ़ पुडुचेरी दादर नगर हवेली में चलाया जा रहा है जिसे सरकार संपूर्ण भारत में लागू करना चाहती है

निष्कर्ष 

हम इस पोस्ट में सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या हैं, इसका उद्देश्य क्या है, इसका कार्य प्रणाली चुनौती और समाधान के बारे में चर्चा किए हैं और इसका विस्तृत जानकारी इस पोस्ट में शामिल किया गया है यदि यह पोस्ट आपको अच्छा लगा तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें धन्यवाद

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