exchange rate वह रेट होता है जिस पर किसी एक देश की मुद्रा को किसी अन्य देश की मुद्रा में आसानी से change किया जा सके|
जहां Exchange rate का निर्धारण सरकार या केंद्रीय बैंक द्वारा हो तथा जिसमें बाजार की भूमिका अत्यन्त कम हो उसे Fixed exchange Rate कहा जाता है |
जहां विनिमय दर का निर्धारण बाजार की शक्ति द्वारा हो तथा जिसमें सरकार और केंद्रीय बैंक की भूमिका काम हो उसे लचीला एक्सचेंज रेट कहा जाता है|
जहां एक्सचेंज रेट का निर्धारण बाजार की शक्ति द्वारा आवश्यकता अनुसार केंद्रीय बैंक एक्सचेंज दर को नियंत्रित करने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप करे तो उसे managed floating exchange Rate कहा जाता है इसे डर्टी फ्लोटिंग भी कहा जाता है क्योंकि केंद्रीय बैंक जहां अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप करता है|
अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) के दौरान हुई थी। ब्रेटन वुड्स सम्मेलन को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन (United Nations Monetary and Financial Conference) के रूप में जाना जाता है। 1 से 22 जुलाई, 1944 तक 44 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मलेन में शामिल हुए थे। इसका तात्कालिक उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध और विश्वव्यापी संकट से जूझ रहे देशों की मदद करना था। और इस प्रणाली के अंतर्गत डॉलर को स्वर्णमन से जोड़ा गया
1947 में जब देश आजाद हुआ तब भारत का रुपए और डॉलर के बीच exchange rate $1 बराबर ₹1 था कारण -
रुपए का मूल्य पाउंड से संबंधित था
भारत के ऊपर कोई भी विदेशी ऋण नहीं था
किंतु Adjusted pegged System के करण -
रुपया - पाउंड - डॉलर - स्वर्णमान
1971 में Adjusted pegged System समाप्त कर दिया किंतु भारत का रुपए पौंड से संबंध था
1975 में रुपया को पौंड से अलग किया गया तथा रुपए को पौंड के साथ-साथ अन्य मुद्राओं के साथ जोड़ा गया
इस प्रकार 1947 से 75 तक स्थिर विनिमय दर प्रणाली लागू था जहां विनिमय दर का निर्धारण सरकार द्वारा किया जाता था
1975 से लेकर 1991 तक भारत में स्थिर विनिमय दर प्रणाली लागू था जहां विनिमय दर का निर्धारण केंद्रीय बैंक आरबीआई के द्वारा किया जाता था
1991 में LPG सुधार को लागू किया गया तथा स्थिर विनिमय दर को बंद करके LERMS को लागू किया गया इस दोहरी विनिमय दर प्रणाली कहा जाता है जहां विनिमय दर का निर्धारण दो प्रकार से होता है 40% Exchange Rate का निर्धारण सरकार द्वारा तथा 60% विनिमय दर का निर्धारण मांग और आपूर्ति के आधार पर बाजार की शक्ति द्वारा होता है EX - LET की $100 के विनिमय दर में 40 डॉलर के विनिमय दर का निर्धारण सरकार और 60 डॉलर विनिमय दर का निर्धारण बाजार की शक्तियों द्वारा
जहां यह प्रणाली जटिल होने के कारण इसे 1994 में समाप्त कर दिया गया
1994 से अब तक एकीकृत विनिमय ( Unifed Exchange Rate system ) दर प्रणाली लागू है जहां विनिमय दर का निर्धारण बाजार की शक्ति द्वारा किंतु आवश्यकता पढ़नी पर केंद्रीय बैंक इसमें अप्रत्यक्ष रूप से हस्तक्षेप कर सकती है इसे प्रतिबंधित Floting Exchange दर प्रणाली कहा जाता है जो भारत में लागू है