Gender बजट in India ,कारण,मिलने वाली फायदा

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Gender budget in India का शुरुआत सर्वप्रथम ऑस्ट्रेलिया में किया गया भारत में इस वर्ष 2005-06 में अपनाया गया GENDER बजट अलग से बजट बनाने की प्रस्तुति करने की परंपरा नहीं है| इस मुख्य बजट में ही शामिल किया जाता है| लैंगिक बजट को ही GENDER NEWTROL BUDGET भी कहा जाता है यहां महिला और पुरुष की आर्थिक सामाजिक स्थिति का विश्लेषण करके उसके संबंधों में खर्च किया जाता है भारत में जेंडर बजट, महिला पर आधारित होता है| 

Gender बजट in India ,कारण,मिलने वाली फायदा
Gender बजट in India ,कारण,मिलने वाली फायदा

अर्थव्यवस्था के लिए GDP क्यों महत्वपूर्ण हैं GDP क्या है?

India में gender budget प्रस्तुत करने का कारण:- 

प्राचीन काल से ही भारतीय समाज पितृ सत्तात्मक रहा है जहां महिलाओं की सामाजिक आर्थिक स्थिति में लगातार गिरावट देखी गई हैउन्हें अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कीउच्च शिक्षा का अभाव, दहेज ,सामाजिक सुरक्षा इत्यादि

                                     निम्न करण से यह स्पष्ट होता है कि भारत में जेंडर बजट महिला परआधारित होना अधिक महत्वपूर्ण है -

  • वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में लगभग 49% जनसंख्या महिला की है इसके बावजूद श्रम बाल भागीदारी में महिलाओं का भागीदारी में लगातार गिरावट आई है वर्ष 1991 में कोई 35% थी जो वर्तमान में कम होकर लगभग 18 से 20% रह गई है|  

  • विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट 2023 के अनुसार पुरुष द्वारा अर्जित एक रुपए की तुलना में महिला लगभग 63 पैसा प्राप्त करती है|

  • महिलाओं का सामाजिक प्रतिफल दर पुरुष के मुकाबले अधिक होता है| 

महिलाओं को मिलने वाली फायदा लैंगिक बजट के निर्माण से

लैंगिक बजट से मिलने वाले महिलाओं का फायदा निम्न वर्णन किया गया है जो इस प्रकार है-

  • महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने का प्रयास किया जाता है|

  • महिलाओं के कौशल विकास को बढ़ावा देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास करता है|

  • उसे पोषण युक्त भोजन देकर शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जाता है

  • संसद में आरक्षण देकर उसे राजनीतिक भी उन्हें सुदृढ़ बनाने का प्रयास किया जाता है 

  • लैंगिक बजट के अंतर्गत सरकार केंद्रीय बजट में स्टेटमेंट-20 को जोड़ती है 


निष्कर्ष-

इस प्रकार बजट में ही सरकार द्वारा महिलाओं और बालिकाओं से संबंधित विभिन्न योजनाएं जैसे- बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ,आंगनबाड़ी योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना इत्यादि पर खर्च करती है वर्ष 2005 से 15 तक भारत में लैंगिक बजट में लगातार वृद्धि हुई हैवर्ष 2005 में यह कुल खर्च का लगभग 2.7%था जो अब2011 में सर्वाधिक 6.2% किंतु बाद के वर्षों में कमी आई है जैसे 2015 में 4.4% 2017-18 में 5.2 प्रतिशत 

लैंगिक बजट की सफलता सरकार को मजबूत राजनीतिक इच्छा शक्ति पर निर्भर करती है

FAQs 

Gender budget की शुरुआत कब किया गया भारत में 

उत्तर - 2005-06 में 

सबसे पहले Gender budget की शुरुआत किसने किया 

उत्तर-ऑस्ट्रेलिया ने 




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