यह देश का केंद्रीय बैंक है जो देश में मौद्रिक नीति के निर्माण और उसके संचरन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसे बैंकों का बैंक कहा जाता है तथा सरकार का भी बैंक कहा जाता है
![]() |
Reserve Bank of india की भूमिका |
वर्ष 1922 में अंग्रेजों द्वारा देश में केंद्रीय बैंक की स्थापना हिल्टन यंग समिति के लिए का गठन किया गया जिन्होंने अपनी सिफारिश 1926 में दी कि देश में आरबीआई के रूप में केंद्रीय बैंक की स्थापना होनी चाहिए| समिति के सिफारिश पर 1934 में आरबीआई अधिनियम 1934 पारित हुआ इस अधिनियम के आधार पर 1 अप्रैल 1934 में आरबीआई का गठन किया गया 1935 से लेकर 1937 तक इसका मुख्यालय कोलकाता था और 1937 से आरबीआई का मुख्यालय मुंबई हुआ जो अब तक है वर्ष 1947 तक का आरबीआई ने बर्मा के केंद्रीय बैंक की भूमिका और जुलाई 1948 तक पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक की भूमिका निभाया
आरबीआई की स्थापना से लेकर वर्ष 1948 तक आरबीआई का स्वामित्व निजी क्षेत्र के पास था
वर्ष 1948 में आरबीआई एक्ट 1934 के तहत समिति हस्तांतरण अधिनियम 1948 पारित हुआ तथा 1 जनवरी 1949 से जैन आरबीआई का स्वामित्व और नियंत्रण पूर्ण रूप से सरकार के पास प्राप्त हो गया
आरबीआई का राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी 1949 को हुआ
बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 पारित किया गया इस अधिनियम के अंतर्गत देश के सभी बैंकों का नियंत्रण आरबीआई के द्वारा किया जाता है
आरबीआई अधिनियम 1934 के अधिनियम के तहत किया जाता है
बैंकिंग भी विनियमन अधिनियम 1949
सहकारी बैंकिंग विनियमन 1965
आरबीआई का राष्ट्रीयकरण 1 जनवरी 1949 को किया गया
पूर्व में आरबीआई का लेखांकन वर्ष 1 जुलाई से 30 जून तक था लेकिन वर्ष 2020-21 से आरबीआई का लेखांकन वर्ष बदल कर 1 APRIL से 31 मार्च हो गया
आरबीआई का प्रतीक चिन्ह Tiger और तार का पेड़ है पूर्व में आरबीआई का प्रतीक चिन्ह शेर था
आरबीआई का मुख्यालय मुंबई तथा इसके अलावा 1 क्षेत्रीय कार्यालय है और 22 रीजनल कार्यालय हैं
आरबीआई का प्रथम गवर्नर A.O Smith का कार्यकाल 1935 से 37 तक
स्वतंत्र भारत का प्रथम आरबीआई गवर्नर CD देशमुख था
आरबीआई गवर्नर और डिप्टीगर्वनर का नियुक्ति भारत सरकार द्वारा किया जाता है चार डिप्टीगवर्नर होता है
आरबीआई गवर्नर का पद संवैधानिक पद नहीं होता है इसलिए आरबीआई गवर्नर की नियुक्ति आरबीआई अधिनियम 1934 के अंतर्गत किया जाता है
आरबीआई गवर्नर को सभी अधिकार आरबीआई अधिनियम 1934 से प्राप्त होता है
आरबीआई गवर्नर और डिप्टीगवर्नर का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है आरबीआई का गवर्नर की नियुक्ति 3 वर्षों के लिए होती है जबकि अगला 2 वर्ष का कार्यकाल सरकार की इच्छा पर निर्भर करता है